शिमला ---मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने भारतीय राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण को राज्य में सड़कों की चार लेन की परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं, ताकि इन्हें निर्धारित समयसीमा में पूरा किया जा सके। वह गत सायं यहां राष्ट्रीय उच्च मार्ग संख्या 21 और 22 पर की जा रही चार लेन परियोजना की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरामोड़ा से मनाली सड़क परियोजना को इसके सामरिक महत्व एवं पर्यटकों की भारी आमद को देखते हुए सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नियौणी चैक के समीप कैंची का मोड़ से फैरी साईट को जोड़ने के लिए 1.7 कि.मी. लंबी सड़क परियोजना का कार्य शीघ्र शुरु किया जाना चाहिए, ताकि जैसे ही दोनों ओर से सम्पर्क मार्ग सुरंग तक पहुंचे, तो यहां वाहनों की आवाजाही आरंभ हो सके। प्रस्तावित सुरंग से दूरी 12 कि.मी. घटेगी तथा नौणी एवं गरामोड़ा के मध्य यातायात का दबाव भी कम होगा। उन्होंने कहा कि नियोणी चैक से सुन्दरनगर बाईपास तक नयी अलाइनमैंट 39 कि.मी. होगी और गरामोड़ा से सुन्दरनगर तक नयी अलाइनमैंट की कुल लम्बाई 51 कि.मी. होगी। वर्तमान में यह लम्बाई 88 कि.मी. है। इस प्रकार दोनों जगहों की दूरी 37 कि.मी. कम होगी।
प्रो. धूमल ने कहा कि नयी अलाइनमैंट से मनाली जाने के लिए बिलासपुर शहर, सुंदरनगर शहर, नेरचैक और मण्डी शहर होकर नहीं जाना होगा। मण्डी में भी एक और सुरंग निर्मित करना प्रस्तावित है, ताकि शहर के बीच से होकर जाने से बचा जा सके। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण को निर्देश दिए कि परियोजना में कम से कम उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण किया जाए, ताकि कम लोग विस्थापित हों। उन्होंने कहा कि सड़क के दोनों ओर बनीं संरचनाओं को न तोड़ने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने यह निर्देश भी दिए कि परियोजनाओं के लिए भूमि देने वाले विस्थापित परिवारों को श्रेष्ठ राहत एवं पुनर्वास पैकेज दिए जाएं।
उन्होंने निर्देश दिए कि अधिक से अधिक सुरंगे बनाने की संभावनाएं तलाशी जाएं, ताकि दूरियां भी घटें और भूमि का भी कम अधिग्रहण करना पड़े। उन्होंने कहा कि कीरतपुर-मनाली उच्च मार्ग सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सड़क आगे लेह के साथ जुड़ती है, जिसका मनाली से आगे रखरखाव सीमा सड़क संगठन द्वारा किया जा रहा है। मौसम के खुलने पर सैन्य बलों के उपकरण एवं सामग्री इसी मार्ग से ले जाया जाता है, इसलिए मार्ग की गुणवत्ता को बनाए रखना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने एनएचएआई को निर्देश दिए कि परवाणु-सोलन राष्ट्रीय उच्च मार्ग फोर लेन परियोजना के कार्य को पूरा करने के लिए तेजी लाएं, ताकि दोनों ओर वाहनों की आवाजाही जारी सुचारु बनी रहे। उन्होंने कहा कि जीरकपुर-परवाणु मार्ग इस वर्ष सितम्बर तक पूरा किया जाएगा, जबकि आगे का कार्य निर्धारित समयावधि में किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राष्ट्रीय एवं राज्य उच्च मार्गों पर अतिक्रमण पर कड़ी नजर रखी जाए और ऐसे सभी कब्जों को हटाया जाए।
लोक निर्माण मंत्री श्री गुलाब सिंह ठाकुर ने कहा कि दोनों राष्ट्रीय उच्च मार्गों के कार्य की प्रगति का नियमित अनुश्रवण किया जा रहा है तथा इन परियोजनाओं के शीघ्र कार्यान्वयन के लिए एनएचएआई को हर संभव सहायता उपलब्ध करवायी जा रही है। उन्होंने कहा कि भू-अधिग्रहण इत्यादि से संबंधित सभी मामलों को मैत्रीपूर्ण तरीके से हल किया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. राजीव बिन्दल ने अधिकारियों को परामर्श दिया कि परवाणु-सोलन सड़क परियोजना के लिए
प्रधान सचिव लोक निर्माण डाॅ. पी.सी. कपूर ने मुख्यमंत्री तथा अन्यों का स्वागत किया तथा विभिन्न सड़क परियोजनाओं के कार्य के स्तर की जानकारी दी कि 6 अन्य मार्गों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गयी है, जिसे शीघ्र ही भारत सरकार को वित्तपोषण के लिए भेजा जाएगा।
एनएचएआई के मुख्य महाप्रबन्धक श्री देवराज ने परियोजनाओं की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया तथा दोनों राष्ट्रीय उच्च मार्गों के प्रस्तावित सुधार की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि वर्तमान
शिक्षा मंत्री श्री ईश्वर दास धीमान, विधायक सर्वश्री अनिल शर्मा, सुखविन्द्र सुक्खू, राजेश धर्माणी, हि.प्र. लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ श्री एन.एल. शर्मा, राष्ट्रीय उच्च मार्ग के मुख्य अभियंता श्री बी.के. भारद्वाज, एसएलओ कर्नल कमलेन्द्र सिंह, एनएचएआई के महाप्रबन्धक श्री आर.एल. कौंडल, परियोजना निदेशक श्री सतीश कौल, विभिन्न एजेंसियांे के परामर्शी, सर्वश्री बी.के. बनाटी, संदीप भट्टाचार्जी, जयंत, धर्मपाल, शावल शर्मा, एमपी गुप्ता, योगेश तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।